Friday, December 26, 2014

"तन्हा है रातें ,हर इक लम्हा ,कभी इत्तेफाकन मुलाकात होगी,
छुपाये हैं हमने लाखों प्रश्न दिल में ,कभी इत्तेफाकन हर इक बात होगी,
गुज़ारिश यहीं है,तमन्ना यहीं है ,तेरे सजदे खुद को फना तब करेंगे ,
मिलोगी हमे फिर से तुम उन गलियों में,कभी इत्तेफाकन वही रात होगी" ..

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