Monday, December 26, 2016


दिल तोड़ना चाहते हो  मेरा ?

दिल तोड़ना चाहते हो  मेरा ?
तोड़ने से पहले ,बता देना ,
खताओं का मेरे ,
मुझको सजा देना ,
गुनाह इतनी सी कि ,
मोहब्बत है तुमसे ,
भूलना चाहते हो ? मुझे ,
मगर भूलने से पहले ,
बता देना ,
संभल पाऊं ,तेरे बगैर ,
वादा तो नही मेरा ,
मगर जब रोना चाहूँ ,
मुझे बेशक ,
रुला देना ..
इतने मशरूफ़ हो तुम ,
कि तुम्हे याद नही आती मेरी ,
वक्त मिले ,ख़्वाबों में
अगर ,
इक  पल को . मुझे
 बुला लेना ..
(मयंक आर्यन )

Sunday, December 25, 2016

ख़्वाबों को मेरी नींदों से , चूराकर के  चल दिये ..

ख़्वाबों को मेरी नींदों से , चूराकर के  चल दिये ,
मैं हस रहा था , मुझको रुलाकर के  चल दिये |

आने  नहीं  दी रौशनी  आफ़ताब कि घर में,
ये क्या कम था जो ,चिरागों को बुझाकर के  चल दिये |

आने लगे हम याद जब  ,सफ़र हो गया मुश्किल ,
फिर तस्वीर मेरी सीने से  लगाकर के चल दिये |

वादे किये थे उसने ,प्यार करेगा उम्रभर ,
वादे सभी ,वो अपने भुलाकर के चल दिये |

मशरूफ़ है ,बहुत वो अपनी जिंदगानी में ,
हमको तो अपनी यादों से ,मिटाकर के चल दिये |

खयालों में उनके ,हम तो खोये थे एस कदर ,
अच्छा हुआ जो ख़ुद ही ,जगाकर के चल दिये ,

तेरे नही हो सकते हम ,इस  जन्म में सनम ,
वो अपनी मजबूरियों को गिनाकर के चल दिये |

हर जाम में नज़र आने लगा था चेहरा उनका ,
अच्छा किया जो नजरों से ,पिलाकर के चल दिये |

(मयंक आर्यन )





Thursday, December 22, 2016

मंजिल को है डर कि ,फ़ासले हो जाएँ न दरम्याँ ,
मुश्किल हुए क्या रास्ते ,ठहर जाने को कहती है ,

रात को गुमां है अपने अन्धेरेपन पे ऐ !खुदा ,
अभी शाम क्या ढली ,डर जाने को कहती है,

गाँवों की मिट्टी को भी खबर हो गयी अपनी अहमियत का ,
खेत भी किसानों को शहर जाने को कहती है ,

आईने को खबर है ,दर्द टूट जाने को ,
इसीलिए तो पहले ही ,बिखर जाने को कहती है||
(#मयंक #आर्यन )

Wednesday, December 14, 2016

मोहब्बत है उन्हें हमसे ,मगर वो दूर रहते हैं ,
खुदा ! हालात से अपने ,वो मज़बूर रहते हैं ,
उन्हें हम याद आते है हमें मालूम है लेकिन ,
बहलाने को हृदय अपना बहुत मशरूफ़ रहते हैं ⎹⎹
#मयंक #आर्यन )