""काश तू होती पास मेरे ""
करता मोहब्बत दिन रात तुझे ,
काश तू होती पास मेरे ||
ज़माने की नजरों से तुझको बचाता ,
तारीफ़ में तेरी ,ग़ज़लें सुनाता ,
डर लगता तुझको ,रातों में जब भी ,
बांहों में भर के ,तुझे मैं सुलाता |
रखता मैं हरदम साथ तुझे .
काश तू होती पास मेरे ||
गर रूठ जाती ,तो तुझे मैं मनाता ,
बनकर मैं जोकर ,तुझको हँसता ,
होती अगर पास ,बांहों में मेरे ,
तो ख्वाबों को तेरी मैं अपना बनाता ||
होने न देता उदास तुझे ,
काश तू होती पास मेरे ||
राहों में तेरी ,मैं कालिया बिछाता ,
जुल्फों में तेरी . मैं गजरे सजाता ,
गर चाहती ,देखना चाँद को तुम,
तो मुखड़े को तेरी मैं चंदा बताता |
सितारे भी करते सलाम तुझे ,
काश तू होती पास मेरे ||
मगर ख़्वाब हैं ये , कहूँ भी तो कैसे ,
तुझे प्यार किये बिन , रहूँ भी तो कैसे ,
तुम साँस ,धड़कन ,जान हो मेरी जाना ,
जिन्दगी फिर तुम बिन , जियूं भी तो कैसे |
करता हूँ बहुत हीं प्यार तुझे ,
काश तू होती पास मेरे ||
मगर जो भी हो .सब अच्छे हैं नजराने ,
हो तुम भी दीवानी ,हैं हम भी दीवाने ,
हैं दूर हम तो क्या .मोहब्बत कम नही है ,
हमारी मोहब्बत के हैं ,अपने ही फ़साने |
दिल ये देता है पैगाम तुझे ,
काश तू होती ,पास मेरे ||
(मयंक आर्यन)