""शायरी""
मेरे ख़्वाब में आ जाना कोई बहाना करके ,
कभी छोड़ कर न जाना , दिल में घर ठिकाना करके ||
करती है बेज़ार मुझको , अदाएं तेरी ,
बड़ी नखरे दिखाती हो , मुझको दीवाना करके ||
उस शख्स की वफ़ा पे क्या यकीन करू ,
जिसने छोड़ा है तीर ,मेरी तरफ निशाना करके ||
मजबूर है हर धनकोष ,पैसे के लिए ,
माल्या जबसे गया है ,बैंको को दिवाला करके||
माल्या जबसे गया है ,बैंको को दिवाला करके||
(मयंक आर्यन)