Monday, December 29, 2014





क्या हक़ीकत बयां करू मैं ,

क्या हक़ीकत बयां करू मैं ,
क्या दर्दे दिल सुनाऊ ,
तेरी यादों में जी रहा हूँ ,
तेरी यादों में मर जाऊ |
है बेपनाह चाहत कैसे यकीं दिलाऊ ,
तेरी यादों से जानेमन ,
मैं  दूर कैसे जाऊ ||
इस दर्दे दिल की सिफ़ारिश ,.
दिलबर क़ुबूल कर ले ,
तू लौट आ जिन्दगी में ,
तुझे अपना बनाना चाहूं ||
"साफिर हूँ प्रेम का मेरी मंजिल नहीं ,
मेरे दिल का पता मुझको हासिल नहीं |
प्रेम में हो विवश तुझको ढूंढता हूँ मैं ,
तुझको पाया मगर ,तू मुझको हासिल नहीं ||"


"इतना ही बता दो जान-ए -वफ़ा  ,
मेरा दिल क्या तुहारे काबिल है ,
कह भी रही है नर्म हवाएं ,
प्यार भी इनमें शामिल है |
डूब रही है कश्ती मेरी ,
सागर की उलट धाराओं में ,
कह दो मेरी पतवार भी तुम हो ,
ओर तुम ही मेरी साहिल हो||"
                  (मयंक आर्यन)
"कांटे मिले जिन्दगी से हमने , मगर हमने गुलाब लिखा ,
गम की डायरी को हमने .किताब लिखा |
रो पड़ी कलम भी दास्ताँ -ए -मोहब्बत लिखते लिखते ,
पिरो के दर्द लफ्जों में मोहब्बत बेहिसाब लिखा ||"

"प्रेम की सूक्तियां हम तो पढ़ते रहे ,
ख़्वाब तेरे ख्यालों में गढ़ते रहे |
यूँ तुम्हें देखकर थम गयी ये नजर ,
दिल ने कुछ न कहा ,तेरी सुनते रहे ||"
                                            (मयंक आर्यन)
"नव-बहारे शमां जगमगाने लगी ,
तन्हाई उठी ,फिर वो याद आने लगी ,
प्रेम में हो मगन भौरे गाने लगे ,
फिर हवाएं हमें छेड़े जाने लगी .."


                  (मयंक आर्यन)
"महज चंद  लम्हों  दिल के ज़ज्बात लिख दूँ .
तेरे होठों पे अपने दिल की बात लिख दूँ |
तेरे सजदे में खुद को कुर्बान कर दूँ ,
तेरे हिस्से अपने दिन ,अपनी रात लिख दूँ ||"

                         (मयंक आर्यन)
"जब भुलाना ही था तो दिल में मुझे बसाया क्यों ,
सुनहरे ख़्वाब इन आँखों को फिर दिखाया क्यों ,
तुझको भूलेंगे न कभी ,दिल से मेरा वादा है,
दूर जाना ही था तो फिर पास आया क्यों ;"
"बहुत खुशनुमा इक रात गुजरी है ,कुछ तन्हा पर कुछ खास गुजरी है ,;
न नींद आयी हमको न ख़्वाब कोई , बस तेरे ख़यालो के साथ गुजरी है ,;;"

Friday, December 26, 2014

"तन्हा है रातें ,हर इक लम्हा ,कभी इत्तेफाकन मुलाकात होगी,
छुपाये हैं हमने लाखों प्रश्न दिल में ,कभी इत्तेफाकन हर इक बात होगी,
गुज़ारिश यहीं है,तमन्ना यहीं है ,तेरे सजदे खुद को फना तब करेंगे ,
मिलोगी हमे फिर से तुम उन गलियों में,कभी इत्तेफाकन वही रात होगी" ..
प्रेम के व्याकरण सूक्त दोहे जो  हैं ,
तेरी हर एक अदा हमको मोहे जो हैं ,
प्रेम युहीं मुकम्मल हुआ तो नही,
तुझको पाया मगर ,खुद को खोये  जो हैं ,|
बस मैं हूँ और मेरी तन्हाई है,
चारों ओर गमो की परछाई है ,
यूँही निकल पड़े है अश्क आँखों से ,
बस तुम्हारी याद सी आई है .|

कुछ फासले भी हैं,कुछ दूरियां भी है ,
कैसे करोगे ऐतबार, कुछ मजबूरियाँ भी है,
रखना संभाल क कदम राह -ए -मोहब्बत में ,
कहीं कुएँ है तो कहीं खाई है ,
बस मैं हूँ ओर मेरी तन्हाई है ,,,,,|

Thursday, December 25, 2014

my 1st poem......"नजर उनके चहरे का दीदार चाहता है "...

                     "नजर उनके चहरे का दीदार चाहता है "

                                     नजर उनके  चेहरे  का दीदार चाहता है,
                                    दिल उनसे मिलना एक बार चाहता  है ,
                                    मिलके उनसे  हाल-ए -दिल बयां  कर दूँ ,
                                    उनके लिए ही जिन्दगी फ़ना कर दूँ ,
                                   जिन्दगी  ये मौका एक बार चाहता  है |
                                   नजर उनके चहरे का  दीदार चाहता 

                                   हैं दूर हमसे फिर भी उनके लिए  वफ़ा है ,
                                  गर दोस्त मानते है तो फिर क्यों  वो ख़फा  है,
                                  ऐ  बादलों  के साये तुम उनसे जाके कह दो ,
                                  मेरे आंसुओं  का पानी  लेके वहां बरस दो ,
                                  कह दो बेचैन दिल मेरा अब करार चाहता |
                                 नजर उनके चहरे का दीदार चाहता  है .......

                                तेरे बदन की वो खुश्बू ,होठों के वो तराने ,
                                सब याद आ रहे है ,गुजरे हुए ज़माने ,
                               तेरा वो इठलाना ,इठला के यूँ मचलना ,
                                मुश्किल के दौर में भी गिरते हुए संभलना,
                               ऐ महबूब सुन ले मेरी ,एक बात जानेजाना ,
                               दिल तेरे जैसा कोई हमराह चाहता है ,
                               नजर तेरे चहरे का दीदार चाहता  है .................
                               नजर तेरे चहरे का दीदार चाहता है...............