my shayri
Friday, November 11, 2016
सांसों में बसाया , दिल में बसाया ,
नजरों में बसा के खुदा कर दिया ,
यादों में बसाया , ख्वाबों में बसाया,
की खुद हीं को ,खुद से जुदा कर कर दिया |
दे रहमते खुदाई की , निखर जाऊं मैं ,
तेरा सजदा न करूँ , किधर जाऊं मैं ||
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