Friday, August 26, 2016


""नजरें  छुपा रहे हो ....""

नजरें  छुपा रहे हो ,
दिल  में कोई राज है क्या ?
हाल-ए-दिल नही कहोगे ,ये भी कोई बात है क्या ?||

चश्म-ए-नम हैं ,
आहत सी लगती है, 
इन आँखों से हुई ,बरसात है क्या ?||

सुनो! ख्वाबों को कहो, 
घर लौट जाये अपने ,
जो तेर बगैर गुजरे, वो भी कोई रात है क्या ?||

उन यादों को तबज्जो,
ये दिल नही देता,
जिनमे तू न हो, वो भी कोई याद है क्या ?||

जब भी लफ़्ज निकले दिल से,
तेरा नाम हो,
जिसमें जिक्र न हो तेरा वो भी कोई जज्बात है क्या ?||

अगर खुदा दे मुझे कुछ,
तो सिर्फ तुझे दे,
जिसमे तू न मिले वो भी कोई सौगात है क्या ?||

                                 (मयंक आर्यन )