Monday, December 26, 2016


दिल तोड़ना चाहते हो  मेरा ?

दिल तोड़ना चाहते हो  मेरा ?
तोड़ने से पहले ,बता देना ,
खताओं का मेरे ,
मुझको सजा देना ,
गुनाह इतनी सी कि ,
मोहब्बत है तुमसे ,
भूलना चाहते हो ? मुझे ,
मगर भूलने से पहले ,
बता देना ,
संभल पाऊं ,तेरे बगैर ,
वादा तो नही मेरा ,
मगर जब रोना चाहूँ ,
मुझे बेशक ,
रुला देना ..
इतने मशरूफ़ हो तुम ,
कि तुम्हे याद नही आती मेरी ,
वक्त मिले ,ख़्वाबों में
अगर ,
इक  पल को . मुझे
 बुला लेना ..
(मयंक आर्यन )

Sunday, December 25, 2016

ख़्वाबों को मेरी नींदों से , चूराकर के  चल दिये ..

ख़्वाबों को मेरी नींदों से , चूराकर के  चल दिये ,
मैं हस रहा था , मुझको रुलाकर के  चल दिये |

आने  नहीं  दी रौशनी  आफ़ताब कि घर में,
ये क्या कम था जो ,चिरागों को बुझाकर के  चल दिये |

आने लगे हम याद जब  ,सफ़र हो गया मुश्किल ,
फिर तस्वीर मेरी सीने से  लगाकर के चल दिये |

वादे किये थे उसने ,प्यार करेगा उम्रभर ,
वादे सभी ,वो अपने भुलाकर के चल दिये |

मशरूफ़ है ,बहुत वो अपनी जिंदगानी में ,
हमको तो अपनी यादों से ,मिटाकर के चल दिये |

खयालों में उनके ,हम तो खोये थे एस कदर ,
अच्छा हुआ जो ख़ुद ही ,जगाकर के चल दिये ,

तेरे नही हो सकते हम ,इस  जन्म में सनम ,
वो अपनी मजबूरियों को गिनाकर के चल दिये |

हर जाम में नज़र आने लगा था चेहरा उनका ,
अच्छा किया जो नजरों से ,पिलाकर के चल दिये |

(मयंक आर्यन )





Thursday, December 22, 2016

मंजिल को है डर कि ,फ़ासले हो जाएँ न दरम्याँ ,
मुश्किल हुए क्या रास्ते ,ठहर जाने को कहती है ,

रात को गुमां है अपने अन्धेरेपन पे ऐ !खुदा ,
अभी शाम क्या ढली ,डर जाने को कहती है,

गाँवों की मिट्टी को भी खबर हो गयी अपनी अहमियत का ,
खेत भी किसानों को शहर जाने को कहती है ,

आईने को खबर है ,दर्द टूट जाने को ,
इसीलिए तो पहले ही ,बिखर जाने को कहती है||
(#मयंक #आर्यन )

Wednesday, December 14, 2016

मोहब्बत है उन्हें हमसे ,मगर वो दूर रहते हैं ,
खुदा ! हालात से अपने ,वो मज़बूर रहते हैं ,
उन्हें हम याद आते है हमें मालूम है लेकिन ,
बहलाने को हृदय अपना बहुत मशरूफ़ रहते हैं ⎹⎹
#मयंक #आर्यन )

Friday, November 11, 2016

सांसों में बसाया , दिल में बसाया ,
नजरों में बसा के खुदा कर दिया ,
यादों में बसाया , ख्वाबों में बसाया,
की खुद हीं को ,खुद से जुदा कर कर दिया |
दे रहमते खुदाई की , निखर जाऊं मैं ,
तेरा सजदा न करूँ , किधर जाऊं मैं ||

Thursday, October 20, 2016

बहुत खुबसूरत हो तुम
बहुत खुबसूरत हो तुम ..

हैं जुल्फ़ तेरे हो जैसे की बादल,
लहराये ऐसे कि जैसे हो आंचल,
हैं भौहें तुम्हारी कि जैसे कमानी,
आँखों का जादू किये जाये पागल |

यादों से अपनी भूलाना ना मुझको,
नजरों से अपनी गिराना ना मुझको,

कि मंदिर-ए-दिल की मुरत हो तुम|
बहुत खुबसूरत हो तुम ..||

हैं होठ तुम्हारे , जैसे हो गुलाब कोई,
बला का है हुस्न, तुम हो शवाब कोई,
जो तुमको मैं पढ़ लूँ, शायरी आ सी जाये,
ग़जल की मुकम्मल, तुम हो किताब कोई ||

खुदा की नजर से, चुराया है तुमको,
बहुत ही नसीबों से पाया है तुमको,

मेरे दिल की हसरत हो तुम|
बहुत खुबसूरत हो तुम ..||

खुशियाँ जहाँ की, अर्पण तुम्हें है,
छुप-छुप के देखे, दर्पण तुम्हें है,
तुम्हीं से है सासें, है जीवन तुम्हीं से 
अब हृदय भी हमारा समर्पण तुम्हें है ||

धड़के तेरे नाम से दिल हमारा,
तेरे बिन है हमको न जीना गंवारा,

कि साँसों की जरूरत हो तुम|
बहुत खुबसूरत हो तुम||

हैं बाहें तुम्हारी ,फूलों की डाली ,
सूरज ने दिया, तेरी अधरों को लाली,
यूं सबसे अनोखी, तेरी सादगी है ,
निगाहों की तेरी, अदा है निराली||

जाने कहाँ ये फ़साना है निकला,
खुदा भी तेरा अब दीवाना है निकला,

कि परियों की सूरत हो तुम|
बहुत खुबसूरत हो तुम ..||
(मयंक आर्यन)

Friday, September 30, 2016

सब तार-तार हुए जाते हैं, रिश्तों अब में पुख्तगी ना रही ,
बेशर्मियत आसमां छूने लगी है ,आँखों में वो शाइस्तगी न रही ,
अपनी तहजीब-ओ-इल्म भूलने लगे है सब खुदाया मेरे ,
अब वो सूर ,वो साज ,वो सीरत, वो मौसिक़ी न रही ||
                                       (मयंक आर्यन )

sab taar-taar hue jaate hain, rishton ab mein pukhtagee na rahee ,
besharmiyat aasamaan chhoone lagee hai ,aankhon mein vo shaistagee na rahee ,
apanee tahajeeb-o-ilm bhoolane lage hai sab khudaaya mere ,
ab vo soor ,vo saaj ,vo seerat, vo mausiqee na rahee ||
(mayank aaryan )


تمام تار تار ہوئے جاتے ہیں، رشتوں اب میں پكھتگي نہ رہی،
بےشرميت آسماں چھونے لگی ہے، آنکھوں میں وہ شاستگي نہ رہی،
اپنی تہذیب و علم بھولنے لگے ہے سب خدایا میرے،
اب وہ صور، وہ ساز، وہ سیرت، وہ موسقي نہ رہی ||
                                        (مینک آری

Tuesday, September 27, 2016

Jiā zhā lēi
xīnluó gěile wǒmen yīxiē ài,
gāi míng nánzǐ shì huīhuáng de, dàshēngjíhū zhèngzài shōují ||

shì shénme ràng tā gèxìng de lìzi,“Mayank”
wǒ duì nǐ de jiémáo de yǎnlèi chǔfá xūyào ||

ā fū tǎ bo-E zài nǐ jiā guāng de yuángù,
wǒ de àihào shāo xìn ||

rán'ér, duǒzhe wǒ, ài de jiāhuo,
zài jiānkǔ de yītiān, jiārù ||
měi dāng yāoqiú shōuhuí, zài gǔdào shàng yīgè qiānzǎinánféng de,
yè Zamana, měi cì qiāo Kmbkt ||

qǐng jì zhù, shuí gěi rènhé rén de jiāhuo,
suízhe shíjiān de tuīyí, yīqiè dōu shǐ tā de hépíng Jamna ||

tā de ài zài yángguāng xià kāishǐ ránshāo,
zhēyáng tā zài wǒ de liǎn shàng, tú Julfen ||

dāng shēnghuó lèile, chīkǔ-shte,
||sǐwáng gěi tā rùshuì
 (Mayank yǎ lì'ān)
கஸல்
சில்லா, எங்களுக்கு காதல் சில வகையான கொடுக்கிறது
மனிதன் முழு அழ உள்ள, புத்திசாலித்தனம் சேகரித்து ||

என்ன அவரது ஆளுமை உதாரணம் கொடுக்க, "ஒசாமா"
உங்கள் வசைபாடுகிறார் மீது என் கண்ணீர் வேதனை || எடுக்கும்

அப்தாப்-இ உங்கள் வீட்டில் ஒளி பொருட்டு,
என் பொழுது கடிதங்கள் எரிக்க ||

எனினும், என்னை புறக்கணிப்பதால், தோழர்களே அன்பு,
ஒரு கடினமான நாள் மணிக்கு, இணைகிறது ||
பாதை ஒரு வாழ்நாள் உள்ள, ஈடுசெய்வதற்கு கோரிய போதெல்லாம்,
நீங்கள் ஜமுனா, ஒவ்வொரு முறை Kmbkt தட்டுகிறது ||

நினைவில் வைத்து கொள்ளுங்கள், யாருக்கும் தரப்படவில்லை யார் தோழர்களே,
சரியான நேரத்தில், அனைத்தும் தன் சமாதான Jamna செய்கிறது ||

சூரியன் தன் அன்பை எரிக்க தொடங்குகிறது,
என் முகத்தில் நிழல் அது, Julfen பரவுகிறது ||

வாழ்க்கை சோர்வாக போது, வலி ​​-shte பாதிக்கப்படுகின்றனர்
|| இறப்பு அவனை தூங்க கொடுக்கிறது
 (ஒசாமா ஆரிய)
Ghazal
Silla ay nagbibigay sa amin ng ilang mga uri ng pag-ibig,
Ang tao ay makinang, sa ganap na sigaw ay pagtitipon ||

Ano upang bigyan ang mga halimbawa ng kanyang pagkatao, "Mayank"
Ang aking mga luha sa iyong lashes kaparusahan tumatagal ||

Aftab-e kapakanan ng ilaw sa iyong bahay,
Aking libangan sumunog titik ||

Gayunman, pag-iwas sa akin, pag-ibig ang babae,
Sa isang magaspang na araw, sumali ||
Sa tuwing hiniling upang mabawi, sa trail-a-lifetime,
Ye Zamana, sa bawat oras katok Kmbkt ||

Tandaan, guys na ibinigay sa kahit sino,
Sa oras, ang lahat ng bagay ay gumagawa ang kanyang kapayapaan Jamna ||

Kanyang pag-ibig sa ilalim ng araw ay nagsisimula sa paso,
Upang shade ito sa aking mukha, kumakalat Julfen ||

Kapag ang buhay ay makakakuha ng pagod, magdusa sakit -shte,
|| Death ay nagbibigay sa kanya matulog
 (Mayank Aryan)

غزل
محبت کا کچھ اس طرح ہم کو صلہ دیتا ہے،
کمال کا شخص ہے، بھری محفل میں رلا دیتا ہے ||

اس پروفائل کا مثال کیا دوں "مینک"
میرے آنسوؤں کو اپنی پلکوں پہ سزا لیتا ہے ||

اپنے گھر میں آفتاب-اے-روشنی کی خاطر،
میرے خطوط کو شوق سے جلا دیتا ہے ||

کتنا بھی گریز کرو، محبت سے یاروں،
وقت کسی نہ کسی سے کسی دن، ملا دیتا ہے ||
جب بھی چاہا تلافی، راہ اے-زندگی میں،
یہ زمانہ، كمبكھت هربار گرا دیتا ہے ||

یاد رکھتا ہے، کون یںہا كسيكو یاروں،
وقت کے ساتھ، جامنا سب کچھ بھلا دیتا ہے ||

ہونے لگتی ہے جلن آفتاب کو بھی محبت سے اس کی،
وہ چھاؤں کرنے کو چہرے پہ میری، جلپھے پھیلا دیتا ہے ||

تھک جاتی ہے جب زندگی، درد سہتے -سهتے،
تو موت اس گہری نیند میں سلا دیتا ہے ||
 (مینک آرین)
गज़ल
मोहब्बत का कुछ इस तरह हमको सिला देता है ,
कमाल का शख्स है ,भरी महफ़िल में रुला देता है||

Mohabbt ka kuchh es trh se hmko sila deta hai ,
Kamal ka shkhs hai ,bhri mahfil men rula deta hai||

उसके शख्सियत का मिसाल क्या दूँ  मयंक
मेरे आंसुओं को अपनी पलकों पे सजा लेता है ||

Uske shkhsiyat ka misal kya dun mayank ”mayank”,
Mere aansuon ko apni plkon pe sja leta hai ||

अपने घर में आफ़ताब-ए-रौशनी की खातिर ,
मेरे खतों को शौक से जला देता है ||

Apne ghr me aaftab-e-raushni ki khatir,
Mere khton ko shauk se jla deta hai||

कितना भी परहेज करो ,मोहब्बत से यारों ,
वक्त किसी न किसी से किसी दिन ,मिला देता है||

Kitna bhi pahrej kro,mohbbt se yaron,
Wkt  kisi n kisi se kisi din ,mila deta||

जब भी चाहा संभलना,राह-ए-जिन्दगी में,
ये ज़माना ,कम्बखत हरबार गिरा देता है ||

Jab bhi chaha smbhlana ,raah-e-jindgi men,
Ye jamana ,kambkht har bar gira deta hai||

याद रखता है, कौन यंहा किसीको यारों ,
वक्त के साथ ,जामना सबकुछ भुला देता है ||

Yaad rkhta hai,kau yanhan kisi ko yaaron,
Wkt ke sath, jamana sab kuchh bhula deta hai||

होने लगती है जलन आफ़ताब को भी मोहब्बत से उसकी ,
वो छांव करने को चेहरे पे मेरी ,जुल्फें फैला देता है ||

Hone lgti hai jln aaftab ko bhi mhbbt se uski,
Wo chhanw krne ko chehre pe meri julfen jab faila deta hai||

थक जाती है जब जिन्दगी ,दर्द सहते सहते,
तो मौत उसे गहरी नींद में सुला देता है ||

Thk jati hai jab jindgi ,drd sahte-sahte, “mayank”
To maut use gahri nind men sula deta hai||
(मयंक आर्यन) 

Monday, September 26, 2016

tumakbo ako mapatay Ciragon,
Aye! Thee ay hindi magkano ng hangin pabalik ||

Shagufta puso pagnanais kailanman narinig sa akin,
Ang iyong eyelids mata, ano? Hindi mamasa ||

Something ay dapat magkaroon Khlis lamang ang masama ang loob,
Pag-ibig sa kanya kaya magkano, ay hindi walang puso ||

Bakit lamang makita ang kanilang sarili sa mirror Eyes stool
Ang liwanag ng araw, kaya doon ay mas mababa ||

Ang sakit ng pag-ibig, kung ano ang ikaw ay nag-aalala Mayank,
Ang ibig-A-Man Apart, ng sakit na ito ay hindi isang pamahid ||

Aitbaar pa rin ang puso, pag-ibig pay 'Mayank'
Kittle ay ang kanyang estilo, ito ay hindi isang Sitm ||

गज़ल


मेरे चिरागों को बुझाने चला है ,
ऐ! हवा तुझमें इतना दम नही है ||

शगुफ्ता दिल की हसरत को कभी सुन लिया करो ,
पलकें आँखों की तुम्हारी, क्या ? नम नहीं है ||

कुछ तो ख़लिश हुई होगी ,तभी रूठा हुआ है ,
प्यार अपना इतना भी, बेरहम नही है ||

यूँ आँखे मल के खुद को आईने में देखते क्यों हो
रौशनी आफ़ताब की ,इतनी भी कम नही है ||

इश्क़ के रोग से ,परेशां हो क्या तुम भी मयंक ,
दीद –ए-यार के अलावा ,इस मर्ज़ का कोई मरहम नही है ||

अभी भी ऐतबार है दिल को , मोहब्बत पे मयंक’,
रूठना उनकी अदा है ,ये कोई सितम नही है ||
(मयंक आर्यन)

in greek language..

Τρέχω κατάσβεση Ciragon,
Άι! Εσένα δεν είναι πολύ πίσω άνεμος ||

Shagufta επιθυμία της καρδιάς μου ακούσει ποτέ,
βλέφαρα μάτια σας, τι; Δεν υγρασία ||

Κάτι πρέπει να έχει Khlis μόνο ο αγέλαστος,
Αγαπούν τόσο πολύ, δεν είναι άκαρδοι ||

Γιατί απλά βλέπουν τους εαυτούς τους στο σκαμνί καθρέφτη Μάτια
Το φως του ήλιου, έτσι υπάρχει λιγότερη ||

Η ασθένεια της αγάπης, τι είσαι ανησυχούν Mayank,
Μήπως-A-Man Apart, αυτής της νόσου δεν είναι μία αλοιφή ||

Aitbaar ακόμα η καρδιά, η αγάπη των αμοιβών »Mayank»

Kittle είναι το στυλ του, δεν είναι μια Sitm ||

in chinese language..

我跑熄灭Ciragon,
埃!你是不是多少回风||

Shagufta心脏渴望听到过我,
你的眼皮的眼睛,是什么?不潮湿||

一定是什么东西Khlis只是沉着脸,
爱她那么多,是不是无情||

为什么只看到自己在镜子中的眼睛凳子
太阳的光,所以有少||

爱的病,你有什么担心Mayank,
难道-A-满人间,这种病是不是软膏||

Aitbaar仍然心脏,爱工资'Mayank“

Kittle是他的风格,它不是一个Sitm ||

in japanese



Friday, September 23, 2016

“”सून-सून लगे अब गांव””
सून-सून लगे अब गांव ,
अब न भावे ,आँचल के छांव||

ममता ,महतारी रोवत बा ,
आंसू से आंचल धोवत बा |
बेटा के खुशीयन के खातिर,
अंखियन में सपना बोवत बा ||

बेटा भरिहें हमरो घाव ,
सून-सून लगे अब गांव||

बेटा अब, बड़का हो गईलन,
अलगे आपन ,खाब सजवलन|
रख खिड़की पर ,माई के सपना ,
ले मेहरारू ,शहर परईलन||

नियति तोहरो ,गजब बहाव,
सून-सून लगे अब गांव||

जाने कईसन पूत भइल बा ,
रिश्ता कच्चा सूत भइल बा|
माँ-बाप के सपना तोड़ गइल जे ,
लागता किस्मत रूठ गइल बा ||

देहलस किस्मत कईसन घाव ,
सून-सून लगे अब गांव||

शहर में पईसा खूब कमइलन,
आपन खूबे ,धउक जमइलन|
मोटका गद्दा पर नींद न आवे ,
माई के ,गोदी ना पवलन||

पटकलन फिर पत्थर पर पांव,
सून-सून लगे अब गांव||

शहर अ पईसा अब न भावे,
मेहरारू अब नही सुहावे |
धके सिरवा रोअस खूबे .
जब-जब याद माई के आवे||

दिलवा में कवनो रहल न चाव,
सून-सून लगे अब गांव||

रहि-रहि मनवा जब घबराये,
फिर त कुछहु समझ न आवे|
गांवे के फिर टिकट बनवइलन,
ले मेहरारू वापस आ गईलन||

धके रोवलन माई के पांव,
सून-सून लगे अब गांव||




माई से फिर माफ़ी मगंलन,
इहें रहब , इ सबसे कहलन ,
भले,पईसा कमे कमाईब,
लेकिन सूख से खा त पाईब||

एहिजे बा अब हमरो ठांव,
अच्छा लागे लगल अब गांव||
        (मयंक आर्यन)

Sunday, September 18, 2016

""काश  तू  होती पास मेरे ""

करता मोहब्बत दिन रात तुझे ,
काश तू होती पास मेरे ||

ज़माने की नजरों से तुझको बचाता ,
तारीफ़ में तेरी ,ग़ज़लें सुनाता ,
डर लगता तुझको ,रातों में जब भी ,
बांहों में भर के ,तुझे मैं सुलाता |

रखता मैं हरदम साथ तुझे .
काश तू होती पास मेरे ||

गर रूठ जाती ,तो तुझे मैं मनाता ,
बनकर मैं जोकर ,तुझको हँसता ,
होती अगर पास ,बांहों में मेरे ,
तो ख्वाबों को तेरी मैं अपना बनाता ||

होने न देता उदास तुझे ,
काश तू होती पास मेरे ||

राहों में तेरी ,मैं कालिया बिछाता ,
जुल्फों में तेरी . मैं गजरे सजाता ,
गर चाहती ,देखना चाँद को तुम,
तो मुखड़े को तेरी मैं चंदा बताता |

सितारे भी करते सलाम तुझे ,
काश तू होती पास मेरे ||

मगर ख़्वाब हैं ये , कहूँ भी तो कैसे ,
तुझे प्यार किये बिन , रहूँ भी तो कैसे ,
तुम साँस ,धड़कन ,जान हो मेरी जाना ,
जिन्दगी फिर तुम बिन , जियूं भी तो कैसे |

करता हूँ बहुत हीं  प्यार तुझे ,
काश तू होती पास मेरे ||

मगर जो भी हो .सब अच्छे  हैं  नजराने ,
हो तुम भी दीवानी ,हैं हम भी दीवाने ,
 हैं दूर हम तो क्या .मोहब्बत कम नही है ,
हमारी मोहब्बत के हैं ,अपने ही फ़साने |

दिल ये देता है पैगाम तुझे ,
काश तू होती ,पास  मेरे ||
                         (मयंक आर्यन)


Friday, September 16, 2016

""उतर गई है ,वो मुझमें जिन्दगी बनके ""(ग़ज़ल )

उतर गई है,वो मुझमे  जिन्दगी बनके ,
    बस गयी है ,वो दुआओं में बंदगी बनके|| .....2

जुल्फ़ हैं उसके जैसे कि काले बादल ,
बरस गई है ,वो मुझमें तिश्नगी बनके ||

नैन उसके हैं ,जैसे चमके है .नूर कोई,
कर गयी है मुझको रौशन ,रौशनी बनके ||

लब है उसके कि जैसे कोई गुलाब खिला ,
बिखर गयी है वो मुझमें ,पंखुड़ी बनके ||

बोल उसके हैं जैसे कि ,कूक कोयल की ,
छेड़े है तान कोई मुझमें ,बाँसुरी बनके ||

 मेरे गीतों ,मेरी ग़ज़लों में , अक्श है उसका ,
समा गयी है वो मुझमें ,शायरी बनके ||

नींद में है ,ख़्वाब में है ,और तन्हाई में ,
याद  आई है उसकी मुझमें यामिनी बनके ||

उतर गई है,वो मुझमे  जिन्दगी बनके ,
    बस गयी है ,वो दुआओं में बंदगी बनके|| .....2

                               (मयंक आर्यन )



   



Thursday, September 15, 2016

""सुनो जाना ""


सुनो जाना ,
ये दिल तुमसे इक बात कहता है,
जो डर तुमको है ,वही डर मेरे सीने में रहता है ,

तुम जात-पात और धर्म की बातें इश्क में करती हो ,
मगर जो दिल में है उसे कहने से डरती हो |

मोहब्बत का कोई जात-पात कोई खुदा नही होता ,
मोहब्बत एहसास है ,और इससे कोई जुदा नही होता ,

मैं भी मोहब्बत करता हूँ ,मगर माँ-बाप को रुसवा नही करता,
माँ-बाप क्या कहेंगे ये सोचता हूँ , पर जमाने से नही डरता ,

माँ-बाप खुश होते हैं खुश जब हम होते हैं ,
आँखे नम होती हैं उनकी , जब हमे कोई गम होते हैं ,

सुनो माँ-बाप से कुछ भी छिपाना नही चाहिए ,
दिल की बातें उनको बता देना चाहिए ,

मगर एक वक्त होता है, हर इक बात कहने का ,
एक वक्त होता है ,समझाने और समझने का ,

आने वाले वक्त को सोच क्र परेशान क्यों हो ?
हंसती हुयी जिन्दगी ,बेजान क्यों हों ?

सुनो मेरी मोहब्बत का तुम एहसास रखना ,
मैं चाहूँगा उम्र भर तुम्हें ,ये विश्वास रखना |

दूरियों से मोहब्बत ,कभी कम नही होती ,
बादल दूर है तो क्या ,जमीं नम नही होती ,

अगर तुम्हें अपनी मोहब्बत पे, जरा सा भी यकीं है ,
विरह की वेदना में भी तडपती ये जमीं है ,

सुनो तुम मेरी मोहब्बत पे ऐतबार करना ,
मेरी तरह ना ,और किसी से प्यार करना,

रुला लेना मुझे .पर देखो! खुद से दूर मत करना ,
मैं जिन्दा लाश बन जाऊंगा ,मुझे मजबूर मत करना ,

बहुत मुश्किल से मैंने ,रो कर हसना सीखा है ,
तुम मिली तो जिन्दगी को जीना सीखा है ,

मैं उमर भर युहीं तुमसे प्यार करूंगा ,
.जब तक साँस होगी ,तेरा इंतजार करूंगा ,

न कोइ शिकवा ना कोई तुमसे शिकायत होगी ,
बस तेरी मोहब्बत की इनायत होगी ,

मेरी मोहब्बत का किसी दिन खुदा को भी एहसास होगा ,
तुम्हे लौटा देगा मुझे , उस दिन तू मेरे पास होगा .

अपनी मोहब्बत की इक छोटी सी दास्ताँ लिखुगा ,
खुद को बेचैन ,और तुझको परेशां लिखुगा ,

और जैसे आसमां से मिलती है जमी ,क्षितिज पे ,
वैसे ही मिलेंगे हम भी तुझसे ,न जाने कहाँ कहीं पे || 
                            (मयंक आर्यन)

Wednesday, September 14, 2016

'''तुम्हें डर हैं ना ...'''

तुम्हें डर हैं ना ...
कि अगर तुम मेरी हो गयी तो ,
बाकी रिश्ते छूट जायेंगे ,
माँ-बाप के जो ख्वाब है ,
सब टूट जायेंगे |

तुम्हें डर हैं ना.....
जिन्होंने पाला है तुमको ,
उनपे क्या बीतेगी ?
माँ की आँखे तुम्हे दूर
जाता देखकर ,रो देगी|

तुम्हें डर है ना..
कि अगर तुम मुझे अपना कह लोगी,
तो जमाना क्या कहेगा ?
मुझे बांहों में भर लोगी ,
तो जमाना क्या कहेगा ?

तुम्हें डर है ना...
कि अगर मैं सामने आ जाऊं ,
तो खुद को ,रोक न पाओगी ,
जमाना भूलकर ,
बांहों में मेरी खो जाओगी|

तुम्हें डर है  ना ....
तुम्हें डर है ना ....
(मयंक आर्यन )

Monday, September 12, 2016


""आ ले चलूँ तुझे , सितारों में वो सनम""

इक होड़  लगी  है, किनारों  में  वो  सनम ,
मौसम  भी बदलते हैं , बहरों के वो सनम |
ये गुलशन ,ये घटा , सब नज़ारे पुराने हैं ,
आ ले चलूँ तुझे , सितारों में वो सनम ||
                                          (मयंक आर्यन )

Friday, September 2, 2016

""""शायरी """"

मोहब्बत के अपने ,कुछ रिवाज तो दो ,
होठों से न सही आँखों से आगाज तो दो |
यकीन नही है क्या ? तुम्हें मेरी मोहब्बत पे ,
 मैं दौड़ा चला आऊंगा ,दिल एक आवाज तो दो || 

नजरों में उसके इश्क़ का आगाज भी था ,
वो रूठा था मुझसे ,नाराज भी था |
सफ़र में कितना दूर निकल गया है वो ,
सुनाई नही देता उसे ,मैंने दिया आवाज भी था ||




मैं नहीं हूँ 

वो नींदों में है ,हमारे मगर ,
उनकी रातों में मैं नहीं हूँ |
वो लफ्जों में है हमारे मगर .
उनकी बातों में मैं नही हूँ |

वो गीतों में है हमारे मगर ,
उनके गानों में मैं नही हूँ ,
वो कहानी मैं है हमारे मगर ,
उनके फ़सानो में मैं नही हूँ||

वो तन्हाईयों में हैं हमारे मगर ,
उनकी महफ़िल में मैं नहीं हूँ ,
वो धडकनों में हैं हमारे मगर ,
उनके दिल में मैं नही हूँ ||

वो झरनों में हैं हमारे मगर ,
उनकी रवानी में मैं नही हूँ ,
वो फ़सानों में हैं हमारे मगर,
उनके कहानी में मैं नहीं हूँ||

वो यादों में हैं हमारे मगर,
उनके ख़यालों में मैं नहीं हूँ ,
वो जवाबों में हैं हमारे मगर ,
उनके सवालों में मैं नही हूँ ||

वो नदियों में हिं हमारे मगर ,
उनके किनारों में मैं नहीं हूँ,
वो चाँद है हमारा मगर ,
उनके सितारों में मैं नहीं हूँ ||

वो सावन में हैं हमारे मगर ,
उनके झूलों में मैं नही हूँ ,
वो फूलों में है हमारे मगर ,
उनके शूलों में मैं नहं हूँ||

वो सादगी में हैं हमारे मगर,
उनकी अदाओं में मैं नही हूँ ,
वो सजदे में हैं हमारे मगर ,
उनकी दुआओं में मैं नहीं हूँ ||
      (मयंक आर्यन)